मूल अधिकारों की विस्तृत व्याख्या / निर्वचन | Detailed interpretation of Fundamental Rights

नवीन दृष्टिकोण मूल अधिकारों की विस्तृत व्याख्या / निर्वचन | Detailed interpretation of Fundamental Rights   संविधान के भाग 3 द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार सुभिन्न और परस्पर अनन्य अधिकार नहीं है, जिनकी पृथक-पृथक अनुच्छेदों में गारंटी की गई है (गोपालन का मामला) । ये सभी संविधान की उद्देशिका में प्रयुक्त सुसम्बद्ध युक्ति सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक के भाग हैं। उनको पृथक-पृथक नहीं देखा जा सकता है। ये सब अधिकार जो मनुष्य...

भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार | मूल अधिकारों की उत्पत्ति एवं विकास

मूल अधिकार मूल अधिकारों की उत्पत्ति एवं  विकास   भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता जनता के मूल अधिकारों की घोषणा है। संविधान के भाग 3 में इन अधिकारों का  विशद रूप से उल्लेख किया गया है। भारतीय संविधान में जितने विस्तृत और व्यापक रूप से इन अधिकारों का उल्लेख किया गया है, उतना संसार के किसी भी लिखित संघीय संविधान में नहीं किया गया है। भारतीय संविधान में मूल अधिकारों से संबंधित उपबंधों  का समावेश आधुनिक प्रजातांत्रिक...

नागरिकता | Citizenship

नागरिकता के सांविधानिक उपबंध  नागरिकता अनुच्छेद 5 - 11 ...

संघ और इसका राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 1 से 4

संघ और इसका राज्य क्षेत्र  अनुच्छेद 1 से 4 ...

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

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भारतीय संविधान की प्रकृति

भारतीय संविधान की प्रकृति ...

भारतीय संविधान की विशेषतायें

 भारतीय संविधान की विशेषतायें ...

भारतीय संविधान की विशेषतायें

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भारत के संविधान की विशेषतायें

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भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम-1947

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क्रिप्स मिशन का भारत आगमन - मार्च, 1942

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भारत सरकार अधिनियम -1935

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भारतीय संविधान : 1919-1947

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